इस प्यार का अंदाज़

इस प्यार का अंदाज़

इस प्यार का अंदाज़ कुछ ऐसा है,क्या बताये ये राज़ कैसा है,कौन कहता है कि आप चाँद जैसे हो,सच तो ये है कि खुद चाँद आप जैसा...
आखों को आखों से

आखों को आखों से

आखों को आखों से बताई जाती है…दुनिया से जो बात छुपाई जाती है…चाँद से पुछो या पूछो मेरे दिल से …तन्हा कैसे रात बिताई जाती...
आसमान पे चाँद

आसमान पे चाँद

आसमान पे चाँद जल रहा होगा, किसी का दिल मचल रहा होगा, उफ़ ये मेरे पैरों में चुभन कैसी है, जरूर वो काँटों पर चल रहा...
तुझको देखा

तुझको देखा

तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा .. चाँद कहता रह गया, मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ..

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