Waqt Shayari

Waqt Shayari

बदल जाओ वक्त के साथया फिर वक्त बदलना सीखोमजबूरियों को मत कोसोहर हाल में चलना सीखो
सफर की हद

सफर की हद

सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहे, चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे, ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल, मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान...
राह संघर्ष की

राह संघर्ष की

राह संघर्ष की जो चलता है…., वो ही संसार को बदलता हैं। जिसने रातों से है, जंग जीती…., सुबह सूर्य बनकर, वही चमकता...

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