क्यूँ किसी – Love Shayari

क्यूँ किसी – Love Shayari

क्यूँ किसी से इतना प्यार हो जाता है, एक दिन का भी इंतजार दुश्वार हो जाता है, लगने लगते है अपने भी पराए, जब एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता...
नजरों को तेरे प्यार

नजरों को तेरे प्यार

नजरों को तेरे प्यार से इंकार नहीं है, अब मुझे किसी और का इंतज़ार नहीं है, खामोश अगर हूँ मैं तो ये वजूद है मेरा तुम ये न समझना कि तुमसे प्यार नहीं...
छुपे छुपे से

छुपे छुपे से

छुपे छुपे से रहते हैं..सरेआम नहीं हुआ करते ,कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैंउनके नाम नहीं हुआ करते !!
एक आवाज़ दूँ

एक आवाज़ दूँ

यूँ तो एक आवाज़ दूँ.. और बुला लूँ तुम्हें,मगर कोशिश ये है कि.. खामोशी को भी आज़मा लूँ ज़रा…

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