तेरी अमानत है

तेरी अमानत है

तेरी अमानत है ये रूह मेरी, न यकीं हो तो इम्तहान ले ले… ये फैसला भी तुझ पे है अब, बख्श दे या फिर जान ले...
जो तार से निकली

जो तार से निकली

जो तार से निकली है वो धुन सबने सुनी है जो साज पे गुजरी है वो किस दिल को खबर है
हर एक बात पर

हर एक बात पर

  हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ, हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ, सुना करते थे ग़ज़लों में जुदाई की बातें, खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा...

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