यह तो "महाकाल" है. - Hindi Shayari for God Shiv Shankar

ये काल है,कराल है, चन्द्र इसके भाल है
  खोलदी जटा छटा तो, देख लो विशाल है,
नंदी के सवार नंदी, दौड़ता अपार पार
  रोके कौन,टोके कौन, किसकी येे मजाल है ?
ये प्रलय सी चाल है, और गले में व्याल है
  धरा गगन है डोलते, सुन के डमरू ताल है,
दिशा-दिगंत डोलते, गगन से देव, बोलते
  ये सिद्ध है,ये रुद्र है, अरे यह तो “महाकाल” है..!!

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