दिल थाम कर

दिल थाम कर

बिछड़ने/जुदाई, महोब्बत मे दर्द शायरी दिल थाम कर जाते हैं हम राहे-वफा से,खौफ लगता है हमें तेरी आंखों की खता से,जितना भी मुनासिब था हमने सहा हुजूर,अब दर्द भी लुट जाए तुम्हारी दुआ से।हम तो बुरे नहीं हैं तो अच्छे ही कहाँ हैं,दुश्मन से जा मिले हैं मुहब्बत के गुमां से,वो...
कभी हस लिये

कभी हस लिये

कभी हस लिये तो कभी मुस्कुरा दिये।जब हुए उदास तन्हाई मे रो लिये।।सुनाने से दास्तां अपनी, अपनी ही रुसवाई थी।कुछ छुपा ली हमने, कुछ पन्नो पे सजा...
सब कुछ है नसीब में

सब कुछ है नसीब में

सब कुछ है नसीब में, तेरा नाम नहीं है  दिन-रात की तन्हाई में आराम नहीं हैमैं चल पड़ा था घर से तेरी तलाश में  आगाज़ तो किया मगर अंजाम नहीं हैमेरी खताओं की सजा अब मौत ही सही  इसके सिवा तो कोई भी अरमान नहीं हैकहते हैं वो मेरी तरफ यूं उंगली उठाकर  इस...
एक ग़ज़ल तेरे लिए

एक ग़ज़ल तेरे लिए

एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा,बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा,टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने,अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर...

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