pehli nazar shayari नज़र भर देखना

तराशा है उनको बड़ी फुर्सत से,
जुल्फे जो उनकी बादल की याद दिला दे,
नज़र भर देख ले जो वोह किसी को,
नेकदिल इंसान की भी नियत हिला दे…

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