होती है है जब खफा

होती है है जब खफा

होती है जब खफा, मुझसे बात भी नहीं करती है, देर रात तक लेकिन मेरा वो इंतजार करती है, निराला सा अंदाज है इश्क में दिलबर का मेरे, पहले खुब डाँट लेती है फिर दिल से प्यार करती...
बिना आहट के

बिना आहट के

बिना आहट के इन आँखो से दिल मे उतरते हो तुम “वाह सनम”क्या लाजवाब इश्क करते हो तुम
हसीनो के सितम

हसीनो के सितम

हसीनों के सितम को मेहरबानी कौन कहता है अदावत को मोहब्बत की निशानी कौन कहता है बला है क़हर है आफ़त है फ़ित्ना है क़यामत का हसीनों की जवानी को जवानी कौन कहता...
तेरी अमानत है

तेरी अमानत है

तेरी अमानत है ये रूह मेरी, न यकीं हो तो इम्तहान ले ले… ये फैसला भी तुझ पे है अब, बख्श दे या फिर जान ले...

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