होती है जब खफा, मुझसे बात भी नहीं करती है, देर रात तक लेकिन मेरा वो इंतजार करती है, निराला सा अंदाज है इश्क में दिलबर का मेरे, पहले खुब डाँट लेती है फिर दिल से प्यार करती...
हसीनों के सितम को मेहरबानी कौन कहता है अदावत को मोहब्बत की निशानी कौन कहता है बला है क़हर है आफ़त है फ़ित्ना है क़यामत का हसीनों की जवानी को जवानी कौन कहता...