आज आसमान के तारों

आज आसमान के तारों

आज आसमान के तारों ने मुझे पूछ लिया,क्या तुम्हें अब भी इंतज़ार है उसके लौट आने का।मैंने मुस्कुराकर कहा,तुम लौट आने की बात करते हो,मुझे तो अब भी यकीन नहीं उसके जाने...
तेरे शहर में

तेरे शहर में

तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए, तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए, जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे, कि जैसे तेरी आशिक़ी के गुलाम ही हो...
मैं तेरा मुंतज़िर हूँ

मैं तेरा मुंतज़िर हूँ

मैं तेरा मुंतज़िर हूँ मुस्कुरा के मिल कब तक तुझे तलाश करूँ अब आ के मिल यूं मिल के फिर जुदाई का लम्हा न आ सके जो दरमियाँ में है सभी कुछ मिटा के...
कभी हस लिये

कभी हस लिये

कभी हस लिये तो कभी मुस्कुरा दिये।जब हुए उदास तन्हाई मे रो लिये।।सुनाने से दास्तां अपनी, अपनी ही रुसवाई थी।कुछ छुपा ली हमने, कुछ पन्नो पे सजा...

Pin It on Pinterest