बिछड़ने/जुदाई, महोब्बत मे दर्द शायरी



दिल थाम कर - बिछड़ने/जुदाई, महोब्बत मे दर्द शायरी हिन्दी में

दिल थाम कर जाते हैं हम राहे-वफा से,
खौफ लगता है हमें तेरी आंखों की खता से,
जितना भी मुनासिब था हमने सहा हुजूर,
अब दर्द भी लुट जाए तुम्हारी दुआ से।
हम तो बुरे नहीं हैं तो अच्छे ही कहाँ हैं,
दुश्मन से जा मिले हैं मुहब्बत के गुमां से,
वो दफ्न ही कर देते हमें आगोश में लेकर,
ये मौत भी बेहतर है जुदाई की सजा से।

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