
तराशा है उनको बड़ी फुर्सत से,
जुल्फे जो उनकी बादल की याद दिला दे,
नज़र भर देख ले जो वोह किसी को,
नेकदिल इंसान की भी नियत हिला दे…
दिल की बात, हिन्दी शायरी के साथ
तराशा है उनको बड़ी फुर्सत से,
जुल्फे जो उनकी बादल की याद दिला दे,
नज़र भर देख ले जो वोह किसी को,
नेकदिल इंसान की भी नियत हिला दे…
आह को चाहिये एक उम्र असर होने तक ! कौन जीता है तेरे जुल्फ के असर होने तक !! हमने माना की तगफ्फुल ना करोगे लेकिन ! खाक हो जायेंगे हम तुमको खबर होने तक !!